रक्षा -बंधन
रक्षा -बंधन
इन धागों की ताकत देखो,
हर बंधन निभाते हैं,
भाई - बहन दोनों मिलकर,
राखी को बंधवाते है।
फूल - मिठाई रसगुल्ले सारे,
थाली में तैयार है,
भाई - बहन पूजा है करते,
ये ईश्वर का आशीर्वाद है।
धागा नहीं वचन है ये तो,
हाथ - हाथ बंध जाते हैं,
जैसे श्री कृष्ण द्रौपदी के लिए,
भाई का हर धर्म निभाते हैं।
वचनों के साथ इस दिन को,
भाई - बहन निभाते हैं,
इसलिए इस पावन दिन को,
रक्षा - बंधन कहलाते हैं।