STORYMIRROR

Sujata Kale

Drama

3  

Sujata Kale

Drama

रिश्ते

रिश्ते

1 min
267

नानी का बटुआ है जो

रिश्तों की पोटली है वो।

अनगिनत रिश्ते बंद है उसमें,

कुछ खट्टे, कुछ मीठे।


यादों के झरने बसते हैं उसमें,

कुछ बहते, कुछ रूके से

कुछ रुआँसे, कुछ खोए हुए।


नानी आँखों से बहते हैं रिश्ते,

नानी की पोटली में रहते हैं रिश्ते।

नानी की पोटली खोलनी है एक दिन

रिश्तों को वापस लाना है एक दिन।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama