रिश्ते की कदर
रिश्ते की कदर
प्यार एक ऐसा रिश्ता जो शुरु होता है
मासूमियत से भरे एहसास से।
एक दूजे कि कदर करना..
बिन बोले भी समझ लेना..
किसी की खूबी या खामियों के साथ
उस रिश्ते को कबूल करना...
शायद ऐसे ही रिश्ते को निभाना होता है,
वक्त के साथ सफर भी यूं आसान हो जाता है।
माना के होते हैं अक्सर उतार - चढाव
इस सफर में,
मगर साथ होने या बात करने से ही सुलझती ये उलझने और बुरे वक्त को बीत जाने में।
न जानें क्यूं कभी ऐसा होता है ??
क्या चाहत से बढ़कर ये पैसा होता है ??
माना के इस भाग - दौड़ भरी दुनिया में
पैसे की एहमियत कुछ इस कदर है..
पर उसे कमाने के जुनून में इंसान हर रिश्ते को भूल जाता है।