रिश्ता अनमोल
रिश्ता अनमोल
प्रेम का है बंधन,
इसमें केवल निर्मल प्यार,
रिश्ता अनमोल ,
बांटते सिर्फ नेह दुलार,
रूठना- मनाना ,
होती हमेशा नोक-झोंक,
फिर भी बना रहता ,
आपस में इनका प्यार
जीवन के पथ पर ,
जब कभी संकट आते ,
भाई अपनी बहन के लिए,
रक्षा कवच बन जाते,
आ जाते सुनकर ,
बहना की करुण पुकार,
राखी के धागों से बंधा,
भाई-बहन का ऐसा प्यार,
रोज-रोज लड़ते, झगड़ते ,
होती इनकी खटपट है,
बात-बात पर झुंझलाते,
बातें होती पटपट है,
हर नोक-झोंक में भी ,
दिल में रहता हमेशा प्यार,
एक दूजे को मिलकर मनाते ,
भाई बहन का यही संसार,
राखी के धागों से बंधा,
भाई-बहन का ऐसा प्यार,
भाई बहन का रिश्ता ,
बड़ा ही पावन है,
इनके रिश्तों से ही महकता,
घर आंगन है,
अपने आप ही सुलझा लेते ,
हर अनबन,
स्नेह के धागों से बंधा ,
यह प्यारा बंधन है,
राखी के धागों से बंधा,
भाई-बहन का ऐसा प्यार,
प्रेम का बंधन,
भाई बहन का रिश्ता अनमोल,
प्यार का बंधन,
जिसका नहीं होता कोई मोल,
कच्चे धागों से बंधा,
पक्के रिश्तों का बंधन है ये,
लड़ते झगड़ते आपस में,
और बातें करते हैं गोल- मोल ,
राखी के धागों से बंधा,
भाई-बहन का ऐसा प्यार,
भोली सी सूरत दिखती,
पर आंखों में रहती हमेशा इनकी मस्ती है,
माथे पर टीका कलाई पर राखी,
मुख पर चमक होंठों पर मुस्कान रहती है,
राखी के अनमोल धागों से ही,
भाई की कलाई सजती है ,
राखी के धागों से बंधा,
भाई-बहन का ऐसा प्यार I