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Pushkar Ki Kalam

Fantasy Inspirational

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Pushkar Ki Kalam

Fantasy Inspirational

रब रक्खे तुझे सलामत....

रब रक्खे तुझे सलामत....

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जब सांस चली जाए 

ये जिस्म कहीं का ना रह पाए 

वैसे जब दिल टूट जाए 

तब समझ जाना धोका मिल जाये 

कौन नहीं किसी का यहाँ

होगी दौलत पूछे तुझे ये जहाँ

दिखाना छोड़ना पड़ेगा रोने का

नहीं तो हर दाग और धूल लोगों की 

तेरे दरिया से धोने का

रहेंगे हर हँसते चाहे 

हो कमजोरी या काबिलीयत 

रब रक्खे तुझे सलामत....

रब रक्खे तुझे सलामत....

रब रक्खे तुझे सलामत....

रब रक्खे तुझे सलामत....


दर्द में रह कर और दर्द तुमको देकर 

बोलेंगे क्या सब है ठीक 

अंदर से कहेंगे क्या है हैसियत 

लगा कर अपनी ताकत 

चाहे कांटे या जुबानी ताने 

पार करना ये पथ 

तब देखना कैसे तेरी 

सफलता पायी होकर इतनी हालत 

फिर करेंगे ऐसी हरकत 

तब समझेगी कब करते लोग तेरी कीमत

नहीं हारना कभी हिम्मत 

रब रक्खे तुझे सलामत....

रब रक्खे तुझे सलामत....

रब रक्खे तुझे सलामत....

रब रक्खे तुझे सलामत....



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