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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Fantasy Inspirational

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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Fantasy Inspirational

मौसम रंगत

मौसम रंगत

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फिर से बदल रहा है मौसम रंगत

 अपनी सर्द हवाएं ठंडी फिजाएं भी चल पड़ी है.


इस दफा आना साथ उजियारा लेकर के आंखे सुर्ख है,

 और ये शामे ढल चुकी है.


जनवरी का महीना इस बदलते मौसम में गहरी हो चुकी रातें,

ये रातें रुक सी गई है.


इस दफा आना साथ इंतजार ले कर के आंखे नम है,

 और ये सांसे थम सी गई है.


गुजरे दिसंबर में याद आए हो 

बहुत तुम यादों की तपिश में रातें ये जल सी गई है.


इस दफा आना साथ ख्वाबों को लेकर

 हसरतें इश्क में दिल की मचल सी गई है.


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