रात ने उठकर बोला
रात ने उठकर बोला
रात ने उठकर बोला
बहुत दिनों से बात नहीं की,
चलो कुछ देर साथ बैठे I
कितनी रातें सोकर गुजारी
चलो जागकर एक रात बैठे ।
हाल बतला दो तुम भी अपना,
चलो पंछियों सा डाल बैठे।
थोड़ा उड़ाये तमन्नाओं को,
फिर उम्मीदों को ले साथ बैठे ।
बहुत समय गुजारा उथल पुथल में
छांट कर लम्हे सुकून के साथ बैठे ।
मैं सुनाऊँ कुछ मधुर सी तान,
ख्यालों से भी निकाल मलाल बैठे।
उम्र सारी थम जाए एक बार में ,
चल तनहा ऐसे तनहाई कर पूरी रात बैठे।