रात की देवी...
रात की देवी...
ऐ रात की देवी मुझ पर इतना सा कर्म कर दे तू जरा देर से आया कर,
तू जो इतनी जल्दी आ जाती है काम बहुत से अधूरे रह जाते है,
प्यार मेरा दूर है मुझसे चन्द बातें वो करना चाहता है,
जब उसके पास होता है वक्त मैं गहरी नींद में खो जाती हूँ,
जब मैं उठती हूँ उसकी नींद का वक्त हो जाता है,
मेरी खातिर वो नींद अपनी खराब करता है ये भाता नही मुझको,
चैन की नींद उसकी खो जाती है ये दिल मेरा रोता है,
ये कैसा सितम हो जाता है भूले से ही हम दोनों से,
या तो हम को ऐ खुदा मिला दे या फिर जुदा कर दे,
क्यों जगाया प्यार दिलो में गर मंजिले हमारी जुदा जुदा है ।