राहें
राहें


क्यों समय-समय पर
दो राहों पर खड़ा कर देती है जिंदगी।
एक तरफ राह कठिनाइयों की
तो दूसरी दिखाती है बंदगी।
एक को चुनने की इज़ाजत दिल देता है
तो दूसरी के लिए दिमाग गवाही देता है।
कुछ ने वो किया जो उनके दिल ने कहा
तो किसी ने अपने दिमाग को मौका दिया।
कुछ चुनौतियाँ अपनाए बस चलते चले गए
तो कुछ मुश्किलों से घबरा
सही राहों को छोड़ गए।
जिंदगी तो बस चलती रहती है,
पर शायद मायने बदल जाते हैं।
कुछ मुश्किल डगर पर चलते
जीना सीख जाते हैं।
तो कुछ ग़लत राहों के
शिकार खुद से हार जाते हैं।
ये राहें ही हैं जो ज़िन्दगी के
मकसदों का एहसास कराती हैं।
आज नहीं तो कल,
ये राहें ही जीना सीखाती हैं।