तू
तू
मत भाग इंसान तू
अब जाग इंसान तू
कब तक सोया रहेगा
कब तक रोता रहेगा
भय को बाहर निकाल तू
तेरी जीत तुझसे है,
तेरी हार भी तुझसे है
जीत को पहना हार तू
जितना भागेगा
उतना गिरेगा
अब दुर्बलता त्याग तू
फटे कपड़े तेरे है
हैरान मत हो तू
इन कपड़ो के साथ
कर्म का कर श्रृंगार तू
जीत तेरी होगी
अपने दिल को
कर्म सूर्य कर तू
हारने से तू क्या डरता है
अपने ही भय से
तू क्या मरता है
मन के भय का नाश कर तू
पूरा ही गगन तेरा है
बस एक बार हौसले से
उड़ान भर तू।
