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Dr. Vijay Laxmi"अनाम अपराजिता "

Abstract Children

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Dr. Vijay Laxmi"अनाम अपराजिता "

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प्यारी-न्यारी बिल्ली मौसी

प्यारी-न्यारी बिल्ली मौसी

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अगस्हत, मारी पालतू

मौसी बिल्ली है प्यारी, दिल से बहुत दुलारी,  

आँखें उसकी चमकीली,नन्ही जादूगर न्यारी।


नर्म फर में लिपटी, मखमली उसकी त्वचा  

 वह स्नेह से लिपट, घर में हलचल रही मचा


रात को चुपके से, बेताबी से म्याऊँ करती

नींद में देखे सपने, उसकी ममता न रुकती।


सूर्यकिरण संग खेले, खिड़की चढ़ झाँकती  

मुंह से चिढ़ाते बच्चे, तब वे कैसी खीझती


भले ही वह चुप रहे, या कभी कहीं छुप जाए 

सदा मौसी बिल्ली को दूध-रोटी कटोरा भाये


मेरी प्यारी म्याऊं, मासूमियत का जश्न मनाएँ

पालतू बिल्ली मौसी को हम स्नेह गले लगाएँ।


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