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Seema Pandya

Tragedy

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Seema Pandya

Tragedy

प्यारी बहना छाया

प्यारी बहना छाया

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आज मैं सुनाती हूं बात अपने दिल की

छुपा के रखी थी बात अपने दिल की।

जैसे कीमती मोती बसा हो सीप में

कसक सी बसी है मेरे दिल में।


मां के प्यार से वंचित थे हम पांच बहने,

पापा के दुलार से पली हम पांच बहने।

छोटी छाया सबको प्यारी थी, दुलारी थी,

लाड प्यार से सींची थी, उभारी थी।


काल की टक्कर ने उसे हिला दिया,

कैंसर की बीमारी ने हमसे छीन लिया।

रुकते नहीं थे आंसू मेरी आंखों से,

दिल रोता था, रूह रोती थी मन से।


आज भी वो आंखों के सामने हंसती है,

दीदी दीदी करके, प्यार से पुकारती है।


   


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