प्यार
प्यार
मिले हो तुम हमको
बदल गए हैं हम
क्या हुआ हमको
खुद समझ न पाते हैं।
बुड़बुड़ाते हैं खुद में
शरमाते हैं खुद से
हँसते हैं आइना देखकर
सँवारते हैं बालों को।
किसी का पुकारना
सुनाई नहीं देता
अपनी ही दुनिया में
खोए रहते हैं।
सब पुछते हैं
क्या हुआ?
न कह पाते हैं
न सह पाते हैं।
सुनना पड़ता है...
पगला गई है...
क्या यहीं प्यार है?
क्या यही प्यार है?