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डा.अंजु लता सिंह 'प्रियम'

Romance

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डा.अंजु लता सिंह 'प्रियम'

Romance

"प्यार, प्यार और प्यार"

"प्यार, प्यार और प्यार"

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मुझे मिला है प्यार

सोणा मेरा यार

गम खुशियां भी बांटे हमने

बसा तभी संसार,


नन्हे कमल खिले

मुस्काए

छूकर उन्हें

परम सुख पाए,


सुरभित आंगन

चहके पाखी

पल -पल देखी

सुंदर झांकी,


साथी ने

कांधे पर सर धर

मुझे बनाया

सुगढ़, निडर,


सजा मेरा

घरबार

भरा मेरे तन मन में पी का

प्यार,प्यार और प्यार।



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