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Dheerja Sharma

Romance

3  

Dheerja Sharma

Romance

प्यार में कभी कभी

प्यार में कभी कभी

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कहते है कभी कभी

नाराज़ भी होना चाहिए

प्यार बढ़ता है।

पर अपने मामले में 

ज़रा उल्टा है

तकरार बढ़ता है।


नाराज़ होती हूँ,

रूठ जाती हूँ

कोई नहीं मनाता,

टूट जाती हूँ।

किरचें चुन चुन

समेट देती हूं।

खुशफहमियों में खुद को

लपेट देती हूं।


उन्हें मना लेती हूं

खुद भी मुस्कुरा देती हूं

प्यार में अहम कैसा

ज़ोर से सुना देती हूँ।

फिर से दौड़ने लगती है

जिंदगी ...पटरी पर

छुकछुक ...छुकछुक

कुछ देर में ......

फिर ब्रेक लगने को तत्पर!



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