प्यार में कभी-कभी
प्यार में कभी-कभी


दिल को छू गई ये कहानी,
मद -मिलता है मधुशाला में रानी,
क्या तितली नहीं जानती थी ,
परवाने की कहानी?
जिये रंग दोनो ने,
पिये प्याले दोनो ने
मदमस्त उड़े दोनों साथ-साथ,
देखे खवाब ,चले साथ ,
एक दुसरे की परछाई बने ,
अपनी दुनिया बनाई ,हकीकत से परे
अपने हिसाब से अपने आसपास।।
तितली रानी तुम हो सयानी
समझो एक बात ,
अभी तो रंगो से खेलने का
दौर शुरु हुआ है,रंगीन है
तुम्हारी हर शाम और हर रात।
काले और सफ़ेद रंग का
अपना ही मजा है,
किरदार चमक उठता है,
जब हममें ये मिला होता हैं।
एक बात कहूँ तितली रानी
तू हैं बड़ी किस्मत वाली
शु
कर कर उस परवाने का
जो बात उसने तुझे समझा डाली.....
मानती हूँ तू अभी है नादा
पर एक बात समझ मेरी उड़न परी
अभी काले बादल छा गए तो क्या
आएगी वो सुबह सुनहरी भी
फिर से वो फूल खिलेगे फिर से
वो खुशबू महकती दिखेगी
दूर-दूर तू भी उड़ेगी
बस थोड़ा इन्तजार कर।।
अगर परवाने से इतना ही प्रेम है
तो भूल जा सब कुछ और
सिमट जा बाहों में उसकी
जो होगा देखा जायेगा,
जी ले हर एक पल को
वक्त के साथ-साथ देखा जाएगा,
अगर ऐसा नहीं तो
परवाने का कहना मान कर
उड़ चल उड़ चल
कुछ समय बाद,परवाने की
इस बात का सबक समझ आएगा तुझे।।