प्यार की शुरुवात
प्यार की शुरुवात
मिलकर उनसे लगता है,
जैसे खुद से मिलने लगा हूं।
कभी मुस्कुराने की वजह ढूंढता था,
अब उसे याद कर मुस्कुराने लगा हूं।
बात कर उससे लगता है,
जैसे सारे जहां की खुशी मिल गई हो।
याद करता हूं तो लगता है,
जीने की एक वजह मिल गई हो।
परेशान करने का दिल तो नहीं करता उसे,
दिल को तो तकलीफ पहुंचती है।
पर फिर लगता है, कि ये हमारे साथ होने की एक शुरूआत है।
उसने बदला है हमें थोड़ा सा,
कभी हम कुछ भी नहीं हुआ करते थे,
और आज बहुत कुछ बन गए है।
इसके पीछे और कोई नहीं मेरी मोहब्बत है
और उनका प्यार है।