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Ritik Malviya

Abstract Inspirational

4.8  

Ritik Malviya

Abstract Inspirational

ज़िंदगी एक सफर

ज़िंदगी एक सफर

2 mins
357


ज़िंदगी एक सफर है, जिए जा रहे हैं,,

कदम दर कदम हम, बढ़े जा रहे हैं।।

तूफ़ानों को टक्कर, दिए जा रहे हैं,,

ज़िंदगी एक सफर है, जिए जा रहे हैं।।


रोके ना रुकेंगे, ज़िंदगी में हमारे,,

रोके ना रुकेंगे, ज़िंदगी में हमारे,, 

जमाने से आंखे, मिलने लगे हैं,,

ज़िंदगी एक सफर हैं, जिए जा रहे हैं।।


आती है मुश्किले राहो में हमारे,,

आती है मुश्किले राहो में हमारे,,

उन्हीं मुश्किलों से, हम भी लड़े जा रहे हैं,,

ज़िंदगी एक सफर है, बढ़े जा रहे हैं।।


मुतालीब हैं हम भी, मुकद्दर से हमारे,,

मुतालीब हैं हम भी, मुकद्दर से हमारे,,

अपने मुकद्दर को हम खुद, लिखे जा रहे हैं,,

ज़िंदगी एक सफर है, जिए जा रहे हैं।।


ज़िंदगी की ये राहें हम खुद चुन रहे हैं,,

बढ़ना है आगे, यही कहे जा रहे हैं।।

क्या होती हैं मुश्किल? सोच ज़रा रहे हैं,,

ज़िंदगी के सफर पर, चले जा रहे हैं।।


वक्त के इस खेल में, खिले जा रहे हैं,

जल्द ही फूल बन उभरेंगे,

कली बन इस दुनिया को मेहकाए जा रहे हैं

ज़िंदगी एक सफर है, महकते जा रहे हैं।।


सबनम की तरह हम बरसने लगे हैं,

धीरे धीरे ही सही, अब बढ़ने लगे हैं,,

रोके जो कोई तो रुके भी तो कैसे,

ज़िंदगी के सफर पर बढ़े जा रहे हैं।।


कहकशा नहीं अब ज़िंदगी ये हमारी,

हट रही है वो धुंध, जो छाई थी ज़िंदगी में हमारी,

मिलती जा रही है मंज़िले ज़िंदगी की हमारी,

ज़िंदगी के सफर पर कामियाबी मिले जा रही हैं।।


कदम दर कदम हम बढ़े जा रहे हैं,,

ठोकरों को खाकर स्महलने लगे हैं,,

सीखा है थोड़ा, थोड़ा ज़िंदगी सीखा रही हैं,

ज़िंदगी ये मेरी, अब शुरू हो गई हैं,


काबिल है बनना यही कह रही हैं,

मुम्किन है सब कुछ कहे जा रही है,

ऐतबार-ए- मुझ पर रखे जा रही हैं।

ज़िंदगी ये मेरी शुरू हो गई हैं,

शुरू हो गई हैं, शुरू हो गई हैं।।


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