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Ritik Malviya

Tragedy

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Ritik Malviya

Tragedy

एक सोच

एक सोच

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ये दुनिया थम सी गई है,

थम सा गया है सारा जहान।


किसीने सोचा नहीं था,

के आज ये मंजर भी देखने को मिलेगा।


जहा इंसान शेर से नहीं डरता था,

वही इंसान आज खुद इंसान से डरेगा।


वा रेे उपर वाले क्या खेल है तेरे,

जितना निराला तू है उतनी ही तेरी बातें।


दुनिया की तकलीफों को देख,

हमें भी थोड़ी तकलीफ पहुँचती है।


बस दुआ है मेरी तुझसे,

के मेरी इल्तज़ा सुनना।


बोहोत हुए खेल तुम्हारे,

बंद करो उसे खेलना।


अगर बनाई है ये दुनिया तुमने

तो इसमें खुशियां बाटो,

क्योंकि दुख देने वाले बोहोत लोग मिलेंगे,

और खुशी देने वाले बोहोत कम लोग आते हैं।


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