'' प्यार की कश्ती ''
'' प्यार की कश्ती ''
प्यार की कश्ती रिश्तों की पतवार से चलती,
नई नई दिशाएं खोजती रहती
नाविक रुपी घर का मुखिया कश्ती को चलाता,
अनुशासन रुपी यंत्र का इस्तेमाल दिशा सूचक यंत्र सम करता ।
प्यार की कश्ती में सुख दुःख नामक तूफान आते
सब मिल जुलकर इस तूफान का सामना करते
बड़े बड़े जहाज चुनौती रुप इस कश्ती को हिलाते,
पर नाविक रुपी मुखिया इसका मुंहतोड़ जवाब देते ।
प्यार की कश्ती में प्यार ही सबका संबल बनता,
रिश्तों की मजबूत डोर इसे बांधने के काम आता
विश्वास नामक दिवादांडी इस कश्ती की बुनियाद,
आपस में प्रेम बढ़ाने का करती निरंतर प्रयास ।
प्यार की कश्ती में सवार हम सब,
एक दूसरे का सहारा बनते पल पल
परस्पर सहयोग, स्नेह, वात्सल्य, करुणा,
आपस में विश्वास से चलती यह कश्ती,
प्यार, सम्मान से तूफानों का
सामना करते चलती यह कश्ती ।
