प्यार का तोहफ़ा
प्यार का तोहफ़ा
प्यारकी राहसे आया हु और मैं,
तेरे नगरमें पहोंचा हुं,
कहा छूपी हो जानेमन तु,
तेरे बिना मैंअधूरा हुं।
तुझे मिलनेके लिये मैं
रात दिन तड़पता हुं,
प्यारकी प्यास लगी है मुज़को,
प्यास मिटाने आया हुं।
आकर खड़ा हूँ तेरे द्वार पे,
तेरी सूरत देखना चाहता हुं,
पागल हु मैं तेरे प्यारमें,
तुज़े मिलनेको बैचेन हुं।
इस सुहानी मोसम में मैं,
तेरा सहारा चाहता हुं,
खोल दे दिल का दरवाज़ा तू,
इन्तज़ार करके खड़ा हुं।
न तड़पा आज़ा जानेमन तू,
तुझे ढूँढ़कर थक गया हुं,
बनज़ा मेरी महबूबा "मुरली"
प्यार का तोहफ़ा लाया हुं।