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Dr.rajmati Surana

Romance

3  

Dr.rajmati Surana

Romance

प्यार का बसंत

प्यार का बसंत

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प्यार का मधुमास सुहाना

हौले हौले से धरा पर छाया है।


गुलाब खिले और खिले मोगरा,

कण-कण को महकाया है।


प्रेम के तीरों से जगमग,

मधुमास मधुर आया है ।


संगीत की स्वर लहरियां गूंजी,

अलि ने हमें बहुत भरमाया है


नर नारी के मन में यहाँ तो

बस इश्क ही इश्क समाया है।


प्रिय मिलन की बेला आई सुहानी ,

गौरी ने ऑखों में अंजन लगाया है ।।


  


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