प्यार का बंधन
प्यार का बंधन
याद है न वो प्यारा बचपन
लड़ना-झगड़ना,रुठना-मनाना
कभी रोकर कभी लड़कर
अपनी बातों को मनवाना
छूट गया है जाने कहाँ वो अल्हड़पन
खो गया वो प्यारा बचपन
रिश्तों में भले हो गई है दूरियाँ मीलों
पर जोड़े हैं रेशम की डोर से ये बंधन
जाने कहा खो गया वो लड़कपन
जाने कहा खो गया वो बचपन।।
