दोस्त हो या गुब्बारे हो
दोस्त हो या गुब्बारे हो
थोड़े से प्यार में खुशी से फूल जाते हो,
तो कभी छोटी सी बात पर
मुँह फुलाते हो
दोस्त हो या गुब्बारे हो।
चाँद में तो दाग है
चाहे चमकता वो कितना भी बेहिसाब है
तुम सब तो सितारे हो
क्योंकि हो भी तो ढेर सारे हो
दोस्त हो या गुब्बारे हो।
मासूम हो नादान हो
थोड़े से पागल हो
जैसे भी हो जो भी हो
तुम सब जान हमारी हो।
भले ही तुम दोस्त के रूप में
गुब्बारे हो,
हमें तो बहुत प्यारे हो 😍😍😍।।