Ruhani Bhatnagar(Ruchitrayan)

Inspirational

3  

Ruhani Bhatnagar(Ruchitrayan)

Inspirational

दोस्त हो या गुब्बारे हो

दोस्त हो या गुब्बारे हो

1 min
558


थोड़े से प्यार में खुशी से फूल जाते हो,

तो कभी छोटी सी बात पर

मुँह फुलाते हो

दोस्त हो या गुब्बारे हो।


चाँद में तो दाग है

चाहे चमकता वो कितना भी बेहिसाब है

तुम सब तो सितारे हो

क्योंकि हो भी तो ढेर सारे हो

दोस्त हो या गुब्बारे हो।


मासूम हो नादान हो

थोड़े से पागल हो

जैसे भी हो जो भी हो

तुम सब जान हमारी हो।


भले ही तुम दोस्त के रूप में

गुब्बारे हो,

हमें तो बहुत प्यारे हो 😍😍😍।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational