पुरवईया
पुरवईया
ओढनी उड़ावेलु त पवन पुरवईया झंकोर मारे
चुनरिया ये रानी झंकोर मारे
अँखिया के कजरा टह टह टहके
केसिया के गजरा मह मह महके।
घुंघटा उठावेलु त चन्दा अंजोर मारे
ओढनी उड़ावेलु त पवन पुरवईया झंकोर मारे
कनखी से ताक जनी गोरी मोरी ओरिया
दिलवा चलावा जनी गोरी मोर छुरिया।
मंद मुसकालु त गोलिया बटोर मारे
ओढनी उड़ावेलु त पवन पुरवईया झंकोर मारे
खन खन खनकेला गोरी तोर कंगना
कब अइबु गोरी बोला मोर अंगना।
चलेलू त छम छम पयलिया बेजोर मारे
ओढ़नी उड़ावेलु त पवन पुरवईया झंकोर मारे।