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Poonam Kaparwan

Drama

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Poonam Kaparwan

Drama

पत्र तो लिखा मगर भेजा नहीं

पत्र तो लिखा मगर भेजा नहीं

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आपकी नजरों का जादू

घायल हो जाती थी,

जब एक नजर देखे जानती थी

आपकी चाहत कोई और !


सखी थी मेरी

चाहत थी बस तुम्हें

इजहार करुँ।


एक पत्र लिखाऔर

एक गुलाब उस रोज बस

एक हद मेरी।


न खत दिया न गुलाब

रुलाकर मुझे पढ़ा

हमने आजखूबसूरत है

अहसास हुम्म !


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