पशु प्रेम
पशु प्रेम
सबकी दोस्त बन जाते हैं,
साथ भी सबका निभाते हैं।
मालिक का कहना भी मानते हैं,
दुख दर्द सब सह लेते हैं।
भगवान का रूप कहलाते हैं,
वह बेजुबान जानवर कहलाते हैं।
मेरा टॉमी भी बहुत प्यारा है,
जो लगता मुझे जग से न्यारा है।
हर कार्य में हाथ मेरा बटाता है,
रूट जाऊं तो भोली सूरत बनाकर मुझे मनाता है।
हर वक्त भगवान से बातें करता है,
आकर मेरी गोदी में सो जाता है।
प्रेम के भूखे हैं यह जानवर,
भगवान का रूप है यह जानवर।
दिल के साफ होते हैं यह,
जन्म जन्म तक साथ निभाते हैं यह।
बेजुबान तो कहलाते हैं यह,
मन से बात करो बातें करते हैं यह।
किसी भी पशु को मारो नहीं
प्यार नहीं कर सकते तो हाथ उठाओ नहीं।
भगवान के प्यारे है यह पशु,
मन और दिल के प्यारे हैं यह पशु।
