मानव की जब उभर अनुवांशिकता आती, दिखती हैं पाश्विक युद्ध की विभीषिकाएं। मानव की जब उभर अनुवांशिकता आती, दिखती हैं पाश्विक युद्ध की विभीषिकाएं।
ऊँगली थाम नेह से तुमको जनक ने चलना सिखलाया। ऊँगली थाम नेह से तुमको जनक ने चलना सिखलाया।
प्यार और सम्मान सबको हमें देना होगा ! प्यार और सम्मान सबको हमें देना होगा !
लेकिन प्रश्न फिर भी वही किस हेतु तन धारण किया ? लेकिन प्रश्न फिर भी वही किस हेतु तन धारण किया ?
क्यों की न हम कभी सृष्टि को कुछ दे पाये हैं, और न कभी कुछ दे पायेंगे और न कभी कुछ दे पायेंगे ! क्यों की न हम कभी सृष्टि को कुछ दे पाये हैं, और न कभी कुछ दे पायेंगे और न कभी...
इस जन्म-मृत्यु पुनर्जन्म का असीमित चक्र है सर्वदा अनंत। इस जन्म-मृत्यु पुनर्जन्म का असीमित चक्र है सर्वदा अनंत।