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Nisha Nandini Bhartiya

Abstract

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Nisha Nandini Bhartiya

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किस हेतु तन धारण किया

किस हेतु तन धारण किया

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किस हेतु तन धारण किया ? 

सोचो धरती पर क्यों आए

किस कारण जन्म लिया ? 

क्या कर्तव्य है तुम्हारा 

किस हेतु तन धारण किया ? 


पढ़-लिख कर नौकरी की, 

कुछ ने व्यापार किया। 

धन इकट्ठा कर-कर के 

घर द्वार अपना भर लिया। 

लेकिन प्रश्न फिर भी वही

किस हेतु तन धारण किया ? 


युवावस्था में विवाह किया 

बच्चों का लालन-पालन किया। 

पढ़ा-लिखा कर बड़ा किया 

फिर उनका शादी-ब्याह किया।

लेकिन प्रश्न फिर भी वही

किस हेतु तन धारण किया? 


कोठी-बंगला सब बनाया 

नाती-पोतों को खिलाया।

भ्रमण कर देश विदेश का

जीवन आनंदमय बिताया।

लेकिन प्रश्न फिर भी वही

किस हेतु तन धारण किया? 


जरजराता बुढ़ापा आया 

उसे देख मन घबराया।

सांसें हल्की होने लगी 

अब जाने का वक्त आया।

लेकिन प्रश्न फिर भी वही

किस हेतु तन धारण किया ? 


पशुओं ने भी जन्म लिया 

घूम-घूम कर भोजन किया। 

अपने बच्चों को जन्म दिया 

पाल-पोस कर बड़ा किया। 

लेकिन प्रश्न फिर भी वही

किस हेतु तन धारण किया ?


एक मूक एक वाचाल

चले दो पैरों एक,दूसरा चौपाया

एक ज्ञानी एक अज्ञानी 

जीवन एक समान बिताया।

लेकिन प्रश्न फिर भी वही

किस हेतु तन धारण किया ? 


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