आदमियता
आदमियता
मानव -सा वह जीव, जगाता जिज्ञासाएं,
पूर्वजों का प्रतिनिधि है क्या, पता लगाएं।
इसकी नस्ल बहुत मानव जैसी दिखती है,
अंतर है लेकिन ज्यादा है समानताएं।
लाखों वर्ष पूर्व पूर्वज थे एक सभी के,
नस्लभेद जब हुआ नई पाईं संज्ञाएं।
इनके कुछ वंशज इनसे जब अलग हो गए,
अपनाए कुछ नए-नए पथ नई क्रियाएं।
लड़ते रहे प्रकृति से जो वे विजयी होकर,
मानव बनकर लगे भोगने सुख सुविधाएं ।
लड़ने से जो डरा जी रहा पशु का जीवन,
बुद्धि न विकसित हुई भोगता विकट व्यथाएं।
मानव की जब उभर अनुवांशिकता आती,
दिखती हैं पाश्विक युद्ध की विभीषिकाएं।
हँसता है अब देख पूर्वजों की प्रजाति को,
भूल चुका है मानव अपनी आदमिताएं।