पर्व पे हम सबको गर्व है
पर्व पे हम सबको गर्व है
होली है या दीवाली है,
खुशियां देने वाली है,
खुश होते बच्चे बुजुर्ग,
खुश होती घर वाली है।
नए नए कपड़े पहन,
हम नाचते बन ठन,
मस्ती में होते मगन,
खुश होते धरती गगन।
बाल बीच उत्साह निराला,
आया है देखो गुब्बारे वाला,
मेले में रौनक है देखो नई 2,
मन तो हो गया है मतवाला।
पूड़ी और पकवान बहुत है,
घर आए मेहमान बहुत है,
दिल खोलकर इसे मनाते,
हर पर्व की शान बहुत है।
ईद सेवईया हमको मिल जाती है,
दीवाली में मिठाई खिल जाती है,
मिलन के हैं पर्व सभी यहां पर,
संस्कृतियां कई मिल जाती हैं।
पर्व राष्ट्रीय हो या राज्यवत,
मिले मिस्ठान या रहें व्रत,
गरिमा सबकी यों बनी रहे,
ज्यों गगन सूर रहे शाश्वत।
