Manjul Manzar Lucknowi
Abstract
पढ़ा लिखाकर बनाया लायक
दिया उन्हीं का है नाम मेरा।
अब अपने कर्मों से नाम रौशन
करूँ मैं जग में है काम मेरा।
हम उनकी कितनी भी सेवा कर लें
कभी उऋण हो नहीं सकेंगे,
नमन है वंदन है रोज़ चरणों
में माँ के अर्पित प्रणाम मेरा।
जब भी दीपावली...
इंसान
जिसने पाया वो...
Ghazal..रंग म...
राज़ सारा उगल ...
राष्ट्र कवि र...
तब मेरा लहू उ...
भेड़िया धसान ह...
सामाजिक संवेद...
आग उगलने लगती...
गणपति आज कृपा की बारी। जीवन बहुत लगे अब भारी।। गणपति आज कृपा की बारी। जीवन बहुत लगे अब भारी।।
बस इल्तज़ा है ये मेरी सपनों के बाग में सच्चाई हो, संघर्ष हो, इंसा के ख्वाब में। बस इल्तज़ा है ये मेरी सपनों के बाग में सच्चाई हो, संघर्ष हो, इंसा के ख्वाब में...
कल तुम पर आरोप लगेगा। शीश आपका स्वयं झुकेगा। औलादें जब देंगी ताना। कल तुम पर आरोप लगेगा। शीश आपका स्वयं झुकेगा। औलादें जब देंगी ताना।
जीवन में जब से हुआ,में समझदार तब से अपनों से मिलने लगा,दुत्कार। जीवन में जब से हुआ,में समझदार तब से अपनों से मिलने लगा,दुत्कार।
याद रहेगा बस वही, जो पावन साहित्य। लोगों के दिल में सदा, है बन चमके आदित्य।। याद रहेगा बस वही, जो पावन साहित्य। लोगों के दिल में सदा, है बन चमके आदित्य।।
शिव शंकर को हम करें, बारंबार प्रणाम। माँ गौरा संग में बढ़ी, जिनकी शक्ति ललाम।। शिव शंकर को हम करें, बारंबार प्रणाम। माँ गौरा संग में बढ़ी, जिनकी शक्ति ललाम।...
इक अनोखी चुभन होगी, किसी की जिंदगी को जानकर आंसू भी आ जाएंगे आँखों में, उस दर्द को अपना मानकर । इक अनोखी चुभन होगी, किसी की जिंदगी को जानकर आंसू भी आ जाएंगे आँखों में, उस दर्द ...
अरे मन से पुकारो, फिर देखो, हम तुम्हारे पास हैं, साथ हैं। अरे मन से पुकारो, फिर देखो, हम तुम्हारे पास हैं, साथ हैं।
समय का दैत्य जीवन की रेती पर निःशब्द………… अपने पदचिन्ह छोड़ रहा है! समय का दैत्य जीवन की रेती पर निःशब्द………… अपने पदचिन्ह छोड़ रहा है!
जो नष्ट होता है वह भ्रमजाल है वियोग- मायाजाल जब हम अपने भ्रम को स्वीकार कर लेते हैं ... जो नष्ट होता है वह भ्रमजाल है वियोग- मायाजाल जब हम अपने भ्रम को स्वी...
अब लगाव की चाहना, रखते हैं हम लोग। काम लगे तब मिल सके, यथा समय सहयोग। अब लगाव की चाहना, रखते हैं हम लोग। काम लगे तब मिल सके, यथा समय सहयोग।
तुम! 'तुम' होकर कब लौटोगे...? तुम! 'तुम' होकर कब लौटोगे...?
देखो कैसे झरता है हरसिंगार फूलता है मोगरा फिर-फिर हर बार देखो कैसे झरता है हरसिंगार फूलता है मोगरा फिर-फिर हर बार
समय आज फिर आ गया, करने को मतदान। सोच समझ कर कीजिए, मत बनिए अज्ञान।। समय आज फिर आ गया, करने को मतदान। सोच समझ कर कीजिए, मत बनिए अज्ञान।।
अपनो का साथ ले जाता था दुखों को बहाके।।।।।।।। हवाओं में गूंजते बुआ और चाची के ठहाके अपनो का साथ ले जाता था दुखों को बहाके।।।।।।।। हवाओं में गूंजते बुआ और चाची के ठ...
तमाम उम्र मेरा दम उसी धूँए मे घुटा- वो इक चिराग था मैने उसे बुझाया है। तमाम उम्र मेरा दम उसी धूँए मे घुटा- वो इक चिराग था मैने उसे बुझाया है।
करे ऐसा जो खुद भले मिट जाये पर परोपकार की मिशाल बन जाये। करे ऐसा जो खुद भले मिट जाये पर परोपकार की मिशाल बन जाये।
ज्येष्ठ श्रेष्ठ जो लोग हैं, कब करते हैं क्रोध। पथ दिग्दर्शन वे करें, सत्य कराते बोध।। ज्येष्ठ श्रेष्ठ जो लोग हैं, कब करते हैं क्रोध। पथ दिग्दर्शन वे करें, सत्य करा...
लड़ते -लड़ते हो रहे, दोनों ही कंगाल। भला समझता कौन है, कलयुग का जंजाल।। लड़ते -लड़ते हो रहे, दोनों ही कंगाल। भला समझता कौन है, कलयुग का जंजाल।।
तो मेरे कल कल करते पानी से हर तरफ हरियाली ही हरियाली दिखे। तो मेरे कल कल करते पानी से हर तरफ हरियाली ही हरियाली दिखे।