प्रकृति
प्रकृति
पवन चल रही ठंड बढ़ रही हरियाली से खुशियां बढ़ रही
किसानों को सौगात मिल रही जो दिन रात बारिश हो रही
खेतों में फसल लहलहा रही किसानों के मन को भा रही
भोर होत प्रकृति अपना रंग चहूं ओर ऐसे बिखेरा है
बर्फीली पहाड़ियों पर मोतियों सा चकोरा है
अनमोल युक्त है प्रकृति का ये सभी ने खुशी से लुत्फ़ उठाये
अनमोल प्रकृति के इस प्यार कोस भी ने खुशी से गले लगाए
ग़र ऐसे ही वृक्ष कटते रहे तो कांच के जार में प्रकृति पनपेगा
ग़र पब्लिक लोग नहीं सहमें तो इंसान और प्रकृति का प्यार टूट जाएगा
निशुल्क सौगात सब संभल जाओ अब प्रकृति से नाता जोड़ लो अब।
