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Inspirational Others

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प्रकृति

प्रकृति

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तेरे दीद के क़ाबिल नहीं ये सारा जहॉं 

तेरे प्रीत के महफिल में इबादत-ए-जहां


ख़ुद को देख जोक-ए-मीत ये नजरें जहाँ 

कर गुज़र कुछ नाम प्रकृति मुस्कुरा-ए-जहां


प्रकृति का ये जहां, मिसाल-ए-करार देख

क्षति ना पहुंचाए, हस्ती-ए-किराएदार देख


मुक़ाम-ए-शौक़ तेरे इस कुदरत-ए-जहाँ में 

 हौसले हैं ज़ियाद उन हसरत-ए-समा देख 


प्रकृति का सौंदर्य ए इंसा समझ कर देख 

यही खूबसूरती को मुस्कान-ए-जहाँ के देख।।


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