करवा चौथ
करवा चौथ
1 min
250
हुआ है असीम कृपा
दीदार-ए-चाँद का
पूरा चाँद देखने का
बिल्कुल प्रिये तेरे जैसा
सब लोगों में संशय था
दीदार ए चाँद होगा क्या
रास्ता तो बादल भूल गये
चाँद नजरों से टकरा गए
हर धड़कन ए चांद में थी
मन में आसरा वही सा था
नील गगन को नयनन देखें
धरा पर चंद्रिका उतरत है
सोलह श्रृंगार किए हुए
ईश से दीर्घायु मांगत है
अमर सुहाग अमर श्रृंगार
यही वर प्रभु से मांगत है
आज ईश संघ अपने व्रत
प्रभु भोज से तोड़त है।।