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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Romance

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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Romance

“ प्रिय ! तुम पास आओ ”

“ प्रिय ! तुम पास आओ ”

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तुम दूर मुझसे ना जाया करो तुम बेरुखी को ना दिखाया करो

इतने दिनों से मैं तड़पता रहा अब और मुझको ना सताया करो

तुम दूर मुझसे ना जाया करो तुम बेरुखी को ना दिखाया करो

इतने दिनों से मैं तड़पता रहा अब और मुझको ना सताया करो

तेरी महक मेरी साँसों में है तेरी छवि मेरी आँखों में है

यादों में तुम ऐसी बसी हो बातें तो दिल के तारों में है

तेरी महक मेरी साँसों में है तेरी छवि मेरी आँखों में है

यादों में तुम ऐसी बसी हो बातें तो दिल के तारों में है

बीते दिनों को ना भुलाया करो दूर कभी मुझसे ना जाया करो

इतने दिनों से मैं तड़पता रहा अब और मुझको ना सताया करो

तुम दूर मुझसे ना जाया करो तुम बेरुखी को ना दिखाया करो

इतने दिनों से मैं तड़पता रहा अब और मुझको ना सताया करो तुम

तुम्हें क्या पता मैं तड़पता रहा दिल मिलने को मचलता रहा

जुदाई लब पे अब आने ना दो बहुत हो गया मन संभलता रहा

तुम्हें क्या पता मैं तड़पता रहा दिल मिलने को मचलता रहा

जुदाई लब पे अब आने ना दो बहुत हो गया मन संभलता रहा

अब नज़रों से नज़रें मिलाया करो मिलन के कोई गीत गया करो

इतने दिनों से मैं तड़पता रहा अब और मुझको ना सताया करो

तुम दूर मुझसे ना जाया करो तुम बेरुखी को ना दिखाया करो

इतने दिनों से मैं तड़पता रहा अब और मुझको ना सताया करो !!


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