परेशानियां
परेशानियां
आखिर क्यूं दरमियाँ खामोशी है,
दिल करता क्यूं नही बयां आखिर क्या परेशानी है,।।
चुप्पी ये आखिर क्यूं,
दिल आखिर परेशान है क्यूं,
कोई बेबसी है क्या,
या दिल में कहने को कोई बात है क्या,।।
आखिर क्यूं दरमियाँ खामोशी है,
दिल करता क्यूं नही बयां आखिर क्या परेशानी है,।।
काश आज दिल के जज़्बात होंठों पर आ जाए,
मन परेशान है जज़्बात कही बिखर ना जाए,
अब दूरी सही नही जाती,
ये शाम अब तन्हा बिताई नही जाती,।
आखिर क्यूं दरमियाँ खामोशी है,
दिल करता क्यूं नही बयां आखिर क्या परेशानी है,।।
ना जाने तुम जवाब में क्या कहोगे,
आज दिल परेशान है की तुम क्या कहोगे,
एक संसार तुम्हारे साथ बसाना है,
ये सफ़र जिंदगी का अब तेरे साथ बिताना है,।।
आखिर क्यूं दरमियाँ खामोशी है,
दिल करता क्यूं नही बयां आखिर क्या परेशानी है,।।
अब आ जा की बड़ी हिम्मत से दिल की बात को लफ्जों में पिरोया है,
ना फिक्र अब कोई हर बात को तेरे सामने रखना है,
चुप्पी ये अब टूटेगी,
इश्क – ए– फरमानिया अब तेरे लिए ज़ारी होंगी,।।