श्री राम शरण
श्री राम शरण


शुभ दिन हैं आया,
मन हर्षित हो आया,
मेरे राम अयोध्या आए हैं,
संग लखन जानकी भी आए हैं,
सरयू की लहरे भी गीत गुन गुनाए,
संत साधु भी झूमे सब राम राम गाए,
वर्षो से सूनी थी ये नगरी,
आज फिर जीवित हो उठी थी,
हर नगर शहर दीप जल रहे,
सब भक्ति में लीन राम राम भज रहे हैं,
देव मुनि भी पधारे,
शंभू गौरी भी पधारे,
लेन राम के दर्शन सब जन हैं पधारे,
ढोल मृदंग की थाप पर थिरके हैं सारे,
मैं बस जाऊ यही सरयू के किनारे,
जहा मेरे राम युग युग के लिए हैं विराजे,
जपु माला मैं राम नाम की,
करू अर्पित मैं भेट जाने कौन सी,
कमल पुष्पों की पिरोई मैंने माला हैं,
हर पुष्प राम जानकी ही कहता हैं,
मुख तिलक सुहाए,
ये कैसी हैं माया नैन भीजे मेरे और मुख मुस्काए,।।
आज दीप मैं जलाऊ राम आए हैं
मैं पग पग पुष्प बिखेरू राम आए हैं,।।