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Viral Rawat

Romance

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Viral Rawat

Romance

प्रेमिका

प्रेमिका

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देखते ही मुझ को वो आकर गले लग जाती है।

नब्ज़ थम सी जाती है, रुक जाती है दुनिया मेरी।।


संगमरमर सी धवल, काया है जैसे मोम की।

गर्म सांसों से कहीं, गल जाये ना गुड़िया मेरी।।


लफ्ज़ लब पर हैं धरे, आँखों से बातें करती है।

करती है मनमानी, सजनी है बड़ी छलिया मेरी।।


चूमकर माथे को उसके, यूँ सुकूँ मिलता मुझे।

रेत में भटके पथिक की, प्यास मानो बुझ गयी।।


दूर होकर उससे मैं, इक क्षण भी न रह पाउँगा।

वो है मेरी ज़िन्दगी, वो लड़की है ख़ुशियाँ मेरी।।


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