बेटियाँ
बेटियाँ
शुभ गीत बेटियाँ हैं ,मल्हार बेटियाँ हैं
सक्षम बहुत हैं फिर भी तो उदार बेटियाँ हैं
रस रूप बेटियाँ हैं,अलंकार बेटियाँ हैं
इस तुच्छ प्राण की भी सूत्रधार बेटियाँ हैं
ह्रदय से कोमल प्रेम का भण्डार बेटियाँ हैं
दो मान इनको जिसकी ये हक़दार बेटियाँ हैं
नर्तक भी हैं, गायक भी ,रचनाकार बेटियाँ हैं
दासी नहीं हैं आज तो सरकार बेटियाँ हैं
सावन की पहली बरखा की फुहार बेटियाँ हैं
पीले बसंती फूलों की बहार बेटियाँ हैं
लावण्य बेटियाँ हैं, श्रृंगार बेटियाँ हैं
एक कवी के शांत चित्त का विचार बेटियाँ हैं
पूछो किसी पिता से तो संसार बेटियाँ हैं
भाई से पूछो बंधन का प्यार बेटियाँ हैं
इस पुरुष प्रधान विश्व में अवतार बेटियाँ हैं
भगवान का दिखाया चमत्कार बेटियाँ हैं।