प्रेम
प्रेम
प्रेम ब्रह्मांड की सबसे पवित्र भावना है
प्रेम ही पूजा है, अराधना है
प्रेम की संपूर्णता के लिये
दो सिरों को आपस में बांधना है।
प्रेम शाश्वत है, अनश्वर है
प्रेम हर स्थान में व्याप्त है
प्रेम की भावना न हो जीवन में तो
ये प्रकृति संपूर्ण रूप से समाप्त है।