मां
मां
मां ठंड़ी छांव हैं
मां पूरा गांव हैं
मां प्रेम सागर हैं
ममता से भरी गागर हैं
मां संसार हैं
हृदय में बसा जिसके
स्नेह अपार हैं
मां पूजा हैं आराधना हैं
कर दे पूरी हर कामना
वो साधना हैं
मां पिता हैं हर रिश्तेदार हैं
मां के चरणों में ही बसा
पूरा ब्रह्मांड है
मां सूरज हैं
चन्द्रमा हैं
मां सा प्यारा मन
और कहां हैं?
मां एक असीमित आकाश हैं
मां हम सब का विश्वास हैं
कर लो हर कामना पूरी
अपनी मां की
क्यूंकि इन कामना में ही
हमारी सफल हर साधना हैं
मां ईश्वर का रूप हैं
मां मीठी सी धूप हैं
कर लो दर्शन घर में ही
मां ही जगत का स्वरूप है...!!