विकास देश का
विकास देश का
हमारा भारत देश
विकसित देशों की श्रेणी में है
यहाँ न जाने कितने वर्षों से
विकास हो रहा है
सभी अपनी स्वार्थ की भूमि पर
फायदे के बीज बो रहा है
विकास उत्पन्न हुआ
तब से ही सब अपने अनुसार
उसे पाल पोस रहे हैं
जब न दिखता विकास तो
सरकार को कोस रहे हैं
विकास भटक रहा है
गलियों में,सड़कों पर
मांग रहा है भीख
गिर रहा है कदमों पर
भूखा,नंगा और फटेहाल विकास
मिल तो रहा है हर जगह
देखो अपने आसपास मिल ही जायेगा
यूं मिलता रहा हमारे बगल में
तो ये विकास और फल-फूल जायेगा
दो विकास के पौधे को
जालसाजी की धूप
जिसके पास जितना धन होगा
विकास बस उसी के पास होगा।
