प्रेम सप्ताह
प्रेम सप्ताह
गुलाब दिवस की फुसफुसाहट, गालों पर आई लाली।
प्रेम कली शर्मीली कोमल, मन में बसी है खुशहाली।।
प्रपोज़ दिवस का साहस, धीमी सी है प्रार्थना।
दो दिलों का मिलन मधुर, हो गई स्वतंत्र भावना।।
चॉकलेट की गर्माहट, मीठा सा है इक आलिंगन।
संदेह पिघलें, बिना निशान के, बना प्रेम का इक बंधन।।
टेडी का नरम आलिंगन, कोमल मित्र के समान।
प्रेम की भावना अनंत, सदा रहे ये महान।।
वादे हैं फुसफुसाते, तारों के झुरमुट तले।
भविष्य की ओर बढ़ें, बाधाओं से मुक्त चलें।।
हग दिवस की गर्माहट, मौन प्रतिज्ञा है यह प्रेम।
प्रेम की भाषा ही परिभाषा, यही है सच्चा योगक्षेम।।
किस दिवस की आग में, जलता है चुम्बन पावन।
जुनून की ज्वाला भी है शुद्ध, आनंदित और मनभावन।।
वेलेंटाइन दिवस उज्ज्वल, प्रेम का है यह उत्सव।
खुशी और प्रकाश मिले, आनंद का हो उद्भव।।
जैसे जंगली फूल खिलें, साहसी और उज्ज्वल।
प्रेम रंग नृत्य करें, दिन-रात हो के निर्मल।।
फुसफुसाती हवाओं में, या हो सूरज की किरण।
प्रेम का जादू चमके, दमकता रहे यह दर्पण।।
आइए इन पलों को, सजाकर हम रखें।
संबंधों को संजोएं, जो वर्ष दर वर्ष रहें।।
हमारा प्रेम जीवंत है, किसी कला के समान।
हर दिल में बढ़े फले, रहे यह सदा महान।।

