प्रेम की भूख..
प्रेम की भूख..
(1)
वो
क्षुधा से
व्याकुल
भोजन मिलने पर
सोचता है
कहीं यह
पाप तो नहीं...?
(2)
मुझे
मेरे हिस्से का भी
नहीं चाहिए
फिर..
जो तुम्हारा है
वो कैसे लूँ..?
मुझे मेरे
हाल पर छोड़ दो
और तुम
जाओ जहाँ
ख़ुश रह सकते हो..!
(1)
वो
क्षुधा से
व्याकुल
भोजन मिलने पर
सोचता है
कहीं यह
पाप तो नहीं...?
(2)
मुझे
मेरे हिस्से का भी
नहीं चाहिए
फिर..
जो तुम्हारा है
वो कैसे लूँ..?
मुझे मेरे
हाल पर छोड़ दो
और तुम
जाओ जहाँ
ख़ुश रह सकते हो..!