प्रेम के रंग :
प्रेम के रंग :
तुम बादल बन अंबर पे छा जाओ
मैं सतरंगी रंगों सी तुझमें बिखर जाऊं
तुम शांत झील बन जाओ
मैं चंचल झरने सी तुझमें समा जाऊं
तुम हवा के झोंके बन जाओ
मैं फूलों की खुशबू सी तुझमें घुल जाऊं
तुम चांद मैं चांदनी बन जाऊं
मैं तुझसे रोशन हो जाऊं
तुम दीये की जोत बन जाओ
मैं बाती बन तुझसे लिपट जाऊं
तुम कान्हा की बांसुरी
मैं सात सुरों की सरगम बन जाऊं
तुम मेरे कविता
मैं तुम्हारी शब्द बन कागज़ पे बिछ जाऊं
तुम मेरे गीत
मैं तुम्हारी प्रीत
आओ मनमीत बन जाओ!!!