STORYMIRROR

Anita Sharma

Romance

3  

Anita Sharma

Romance

प्रेम का खेल

प्रेम का खेल

1 min
165

प्रेम करना कोई खेल नहीं

इसमें जिन्दगी भी मौत सी लगती है। 

दिलबर करीब हो तो जन्नत की सैर करते हैं। 

तो दिलबर से दूरी जिन्दगी जहन्नुम कर देती है। 


कभी प्रियतम का साथ इंद्रधनुषी रंग है।

तो कभी उसका धोखा जिन्दगी रंगहीन बना जाता है। 

वो दिलबर का प्यार ही तो होता है, 

जो हमें हर हाल में रहना सिखा जाता है। 


छुपाता है हजार बातें दिल मगर

इन आँखो का क्या करूँ 

जिनसे हर राजे मोहब्बत बयां हो जाता है। 

प्यार का खेल ही निराला है जनाब

दिल हारने वाले को बाद में खबर लगती है। 

पहले सारे संसार को पता चल जाता है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance