प्रेम झंकार
प्रेम झंकार
पायल बजती राधिके,करती हैं झंकार।
कान्हा सुनके दौड़ते,मन भी करे पुकार।।
मोहन तेरी बाँसुरी, मनमें हो झंकार।
मनको लगती मोहिनी,जीवन का श्रृंगार। ।
पायल की झंकार सुन,नाचे मन का मोर।
थिरक-थिरक नाचे पवन,झूमें चारों ओर।।
पायल गोरी बाजती,नाचे इत-उत डोल।
सजना प्यारे आ गये,जीवन का है मोल।।
सजना जैसे राम हैं, सीता प्यारी साजनी ।
भाई जैसे हैं लखन,सेवक जैसे अंजनी।।