अमानत
अमानत
होती बेटी पर जाई,
कहते उनको अमानत ।
शादी के बंधन बँधती,
जिसकी न मिले जमानत ।।
भरकर लाज शरम झोली ,
बनती कभी पद्मावत ।
लाड़ लड़ा करते उसको,
करना इसकी हिफाजत ।।
मात-पिता की बन प्यारी ,
आज रखा है छुपाकर ।
खिलती कलियाँ फूल बनी
दुख और कष्ट बचाकर ।।
मत मारो बेटी अपनी ,
बेटी रखना सलामत ।
वरना फिर पछताओगे,
हो जायेंगी कयामत ।।
बेटी लालन -पालन कर ,
बन जाती है रजामत।
बेटी है शान हमारी ,
रखना इसको सलामत ।।