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Saroj Garg

Inspirational

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Saroj Garg

Inspirational

अमानत

अमानत

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होती बेटी पर जाई,

कहते उनको अमानत ।

शादी के बंधन बँधती,

जिसकी न मिले जमानत ।।


भरकर लाज शरम झोली ,

बनती कभी पद्मावत । 

लाड़ लड़ा करते उसको,

करना इसकी हिफाजत ।।


मात-पिता की बन प्यारी ,

आज रखा है छुपाकर ।

खिलती कलियाँ फूल बनी 

दुख और कष्ट बचाकर ।।


मत मारो बेटी अपनी ,

बेटी रखना सलामत ।

वरना फिर पछताओगे, 

हो जायेंगी कयामत ।।


बेटी लालन -पालन कर ,

बन जाती है रजामत। 

बेटी है शान हमारी ,

रखना इसको सलामत ।।

 



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