STORYMIRROR

S Ram Verma

Romance

2  

S Ram Verma

Romance

प्रेम है क्या ?

प्रेम है क्या ?

1 min
199


मैंने देखा उसका चेहरा 

गुलाब के फूल में...

मगर मैं कुछ नहीं समझा  

मैंने सुनी उसकी आवाज़ 

कोयल की कूक में...


फिर भी मैं कुछ

नहीं समझा  

मैंने झलक देखी उसकी

हिरन की चाल में, 

बसंत के रंगों में 

रहमान के संगीत में 

फिर भी मैं कुछ नहीं

समझा 


मैंने पैगम्बरों से जानने 

की कोशिश की इस

महसूसियत के बारे में

और पाया कि वो भी 

मुझसे अधिक कुछ

नहीं जानते

इस प्रेम के बारे में

क्योंकि  प्रेम समझने की

वस्तु नहीं है

प्रेम सिर्फ महसूसने की

विधा है ! 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance